मित्र बंधुओ से सहयोग से रुका हुआ कार्य पूर्ण होगा, मान-प्रतिष्ठा की वृद्धि होगी, व्यापार की स्थिति में सुधार होगा, धर्म कर्म में रूचि बढ़ेगी, अथिति सत्कार, मनोरंजन और भोजन में खर्च होगा, अग्नि और चर भय बनेगा, यात्रा इस महीने में न करें।
मंगलोत्सव व्यवसाय में प्रगति, आर्थिक स्थिति में उतार चढाव रहेगा। शरीर में थकावट महसूस करेंगे, घर-गृहस्थी की समस्या दूर होगी, जटिल समस्याओ का समाधान करना होगा।
मॉस के आरम्भ में प्रभाव एवं ख्याति की वृद्धि होगी, नौकरी करने वालो की उन्नति होगी, अन्न, धन, वस्त्रादि की प्राप्ति होगी, शत्रु से चिंता दूर होगी, वायु, पित्त प्रकोप से शरीर को कष्ट होगा ।
मास में व्यापारिक प्रगति होगी, मनोवांछित कार्य पूर्ण होंगे, विश्वसनीय लोगो से धोखा मिलेगा, रचनात्मक कार्यों में सफलता prpat होगी, संतान पक्ष से मन असंतुष्ट होगा, व्यापारिक यात्रा संतोषजनक होगी।
मासारम्भ में व्यापार से साधारण लाभ होगा, आजीविका के क्षेत्र में कठोर श्रम संघर्ष द्वारा सामान्य सुविधा रहेगी, उच्चवर्गीय लोगो से अनुकूलता मिलेगी, अंत में व्यापार से संघर्ष के साथ उन्नति होगी, वाहन कष्ट संभव है।
शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होगा, कार्य में लाभ प्राप्त होगा, पुराने शुभचिंतको के सद्प्रयास से लाभ मिलेगा। देव आराधना से लाभ निश्चित है।
जीवन में शान-शौकत बढ़ेगी। गृह निर्माण आदि में विशेष खर्च होगा। व्यापार में साधारण लाभ होता रहेगा। शत्रुओं का शमन होगा। विद्यार्थियों को श्रम लाभ मिलेगा।
मासारम्भ में आथिक व्यवसाय में भाग्य का समुचित सहयोग प्राप्त कर एवं कर्म तत्परता द्वारा अपनी जड़ मजबूत कर सकते हैं। गृह, वाहन सुख, धर्म में श्रद्धा, उत्तरार्ध में मानसिक चिन्ता , व्यर्थ के भ्रमण का योग बना है।
परिवार में मतभेद रहने की आशा है। धन संचय में बाधा आयेगी। उदारजनों से मित्रता होगी। यात्रा करनी होगी।
साहस की वृद्धि, दौड़ धूप की अधिकता, गुप्त शत्रु भय और भाइयों से द्वेष का योग है। शेयर बाजार में लगी पूंजी लाभ देगी। बाद-विवाद में कामयाबी की आशा बनेगी। मामा पक्ष को कष्ट होगा । दाम्पत्य जीवन सुखी होगा !
यह मास स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत उत्तम नहीं है। व्यापार में लाभ हानि की समानता रहेगी, घर परिवार के मांगलिक कार्यो में व्यस्त रहना पड़ेगा। मासान्त में शारीरिक दुर्बलता दूर होगी।
स्वास्थ्य में सुधार होगा। सन्तान सम्बन्धी चिन्ता सतायेगी। आयु एवं जीवन के लिए चिन्तित रहना होगा। मातृपक्ष व पितृपक्ष से कष्ट व चिन्ता बनेगी।